क्या आप अपने दांतों को रोज बर्बाद कर रहे हैं?
- by admin
Unique Visitors 3349
Page-views 5509
दोस्तों आपको ये जरूर कुछ अटपटा सा लग रहा होगा लेकिन ये वास्तविकता है की हम रोज अपने दाँतो को ब्रुश से नुकसान पहुंचा रहे हैं। दांतों हे नहीं मसूढ़ो को भी हम रोज ब्रुश करने के क्रम मे चोट पहुंचाते हैं।
हिन्दी मे एक कहावत याद आ रही है
“करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
रसरी आवत जात तें सिल पर परत निसान”
इसकी दूसरी पंक्ति हमारे दाँतो पर ब्रुश के प्रभाव को समझाती है ।जिस प्रकार रस्सी के घर्षण से कुएं के किनारे पत्थर पर भी समय के साथ निशान पड़ जाता है उसी प्रकार रोज ब्रुश का प्रयोग हमारे दांतों को बर्बाद केर देता है। हमने ऐसे कई बुजुर्ग देखें हैं जो 90 वर्ष के हैं और उनका एक भी दाँत नहीं टूटा है। कारण कि वो कभी ब्रुश का प्रयोग नहीं करते हैं।
तो दोस्तों हम मे से ज़्यादातर लोग रोज अपने दाँतो और मसूढ़ों को साफ करने के नाम पे चोट पहुंचा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है की दांतों को साफ रखा कैसे जाये?
इसका जवाब है। बिलकुल सरल है। हम अपनी अंगुलियों से मंजन करें। कोई भी टूथ पेस्ट या टूथ पाउडर का प्रयोग करें । अगर कोई आयुर्वेदिक विकल्प हो तो और भी अछा है।
अब कुछ लोग कहेंगे की हमारे दाँतो और मसूढ़ों के हर कोने मे सफाई नहीं हो सकती उँगलियों से। तो इसका भी उपाय है। हम रोज सुबह शाम माउथ वाश से कुल्ला करें। माउथ वाश लिकुइड आपको दवा की दुकानों मे मिल जाएगा। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि माउथ वाश मे पानी मिला कर प्रयोग करना है। मौथ्वाश की बोतल के लेबेल पर अक्सर लिखा होता है की कितनी मात्रा कितने पानी मे लेनी है। कुल्ला एक मिनट तक मुह मे रखना है।
धन्यवाद !
दोस्तों आपको ये जरूर कुछ अटपटा सा लग रहा होगा लेकिन ये वास्तविकता है की हम रोज अपने दाँतो को ब्रुश से नुकसान पहुंचा रहे हैं। दांतों हे नहीं मसूढ़ो को भी हम रोज ब्रुश करने के क्रम मे चोट पहुंचाते हैं। हिन्दी मे एक कहावत याद आ रही है “करत करत अभ्यास के जड़मति…