चाय सेहत के लिए लाजवाब

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दोस्तों ये ठंढ का मौसम चाय की याद दिलाता है। बिना चाय इन सर्दियों मे सबकुछ अधूरा लगता है चाहे वो अखबार पढ़ना हो या दोस्तों से गपशप या बाल्कनी मे बैठकर बाहर की दुनिया का नज़ारा हो । चाय जायका दिल को तरोताजगी से भर देता है।

मिल्क टी

चाय हम मे से अधिकांश लोगो की दिनचर्या का अभिन्न अंग है। बहुत से लोग इसकी बड़ाई करते हैं तो बहुत से लोग इसकी आलोचना। चलिये हम इसके वैज्ञानिक पहलू को देखें और खुद फैसला करें।

चाय मुख्यतः चार प्रकार से उपयोग मे लायी जाती है। लेमन टी,ब्लैक टी,मिल्क टी,ग्रीन टी इसके अलावा चाय बालों की सुंदरता बढ़ाने मे भी उपयोग मे लायी जाती है।

इन चारों तरह की चाय की अपनी ही विशेषता है। चाय का अपना गुण है और इसको बनाने मे जो अतिरिक्त वस्तुएँ प्रयोग मे लायी जाती हैं उनका गुण उन वस्तुओं पर निर्भर करता है।

लेमन टी

चाय मे एक केमिकल पाया जाता है जिसका नाम, थीओफायलीन है। यह हमारे फेफड़े मे स्वांस नालियों को फैला देता है जिससे हवा ज्यादा मात्रा मे फेफड़े मे जाती है। जिस रोगी को सांस ठीक से लेने मे कठिनाई होती है उन रोगियों को चाय से आराम पहुंचता है। दमा के मरीजों को भी इस केमिकल को दवाई के रूप मे दिया जाता है, यहाँ एक बात ध्यान देने की है कि जिन लोगों का दिल ज्यादा तेजी से धड़कता है या जिन्हे तेज धड़कन कि बीमारी है उनकी धड़कन को ये केमिकल और तेज कर सकता है, लेकिन जिनके दिल कि धड़कन धीमी हो वो चाय से अपनी धड़कन बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा चाय मे टैनिन भी पाया जाता है जो कि हमारे शरीर मे बूढ़ा होने की प्रक्रिया को धीमा करता है तथा कैंसर से बचाता है।

इसके अलावा चाय का उपयोग जहर खाये हुए व्यक्ति के प्राथमिक उपचार मे भी होता है।

चाय चाहे कोई भी हो लेमन, ब्लैक,मिल्क या ग्रीन सभी चाय मे सांस के रोग मे आराम तथा अन्य फायदे मिलते हैं। फिर भी हम महंगे विकल्प मे अपना स्वास्थ्य ढूंढते हैं और उन विकल्पों को स्टेटस सिम्बल बना देते हैं।

लेमन टी अर्थात नींबू की चाय मे ,चाय के फ़ायदे के अलावा नींबू की वजह से विटामिन सी की मात्रा भी मिल जाती है जो हमे रोगनिरोधी शक्ति देता है।

ब्लैक टी अर्थात लीकर चाय मे चाय वाले सारे गुण मिलते हैं।

मिल्क टी मे दूध की वजह से चाय के मूल गुणो के अलावा कैल्सियम विटामिन और प्रोटीन भी मिलते हैं।

ग्रीन टी मे चाय के सभी गुण मिलते हैं ।

अब चीनी या बिना चीनी की चाय मे सिर्फ शुगर का अंतर है।चीनी वाली चाय मे ग्लूकोस मिलता है।

लेकिन जो लोग मधुमेह या डायबिटीज़ के रोगी हैं उन्हे ये बता दूँ की वो बिना शक्कर की चाय भी पीते हैं तो भी उनका ग्लूकोस लेवेल बढ़ेगा। क्यूंकि चाय से शुगर बढ़ता है।चाहे उसमे चीनी मिलाएँ या न मिलाएँ।

चाय मे एक और गुण है ,वो है शरीर से पानी कम करना। जो लोग चाय पीते हैं उन्हे पेशाब ज्यादा होता है और शरीर से नमक और पानी निकलता है। इस वजह से शरीर का वजन घटता है और ब्लड प्रैशर भी घटता है। तो जिनका ब्लड प्रैशर ज्यादा है वो चाय कि मदद से अपना ब्लड प्रैशर कम कर सकते हैं। इसके अलावा अपना वजन भी कम कर सकते हैं लेकिन इसके लिए फीकी चाय लेना ज्यादा बेहतर होगा। जिनको शरीर मे उल्टी दस्त अथवा और किसी कारण से पानी कि कमी हो या जिनका ब्लड प्रैशर कम हो उनके लिए चाय खतरनाक हो सकती है।

चाय हाइ ब्लड प्रैशर,सांस कि तकलीफ,वजन घटाने के लिए,दिल कि धड़कन बढ़ाने के लिए ,शरीर को ज्यादा दिन जवान रखने के लिए तथा जहर के प्राथमिक उपचार के एक अवयव के रूप मे उपयोगी है।

चाय लो ब्लड प्रैशर मे,तेज धड़कन कि शिकायत मे और शरीर से पानी कि कमी dehydration मे नुकसानदायक है।कुछ दवाओं का असर चाय कि वजह से कम या ज्यादा हो सकता है अथाह आप डॉक्टर कि सलाह से कोई दवा ले रहे हैं तो चाय पीने के बारे मे उनसे सलाह जरूर लीजिये।

धन्यवाद!

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